बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 भूगोल बीए सेमेस्टर-3 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 भूगोल सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पारिस्थितिक संतुलन की सुरक्षा हेतु कारगर योजना नीति पर प्रकाश डालिए।
अथवा
स्थानीय स्तर पर पारिस्थितिकीय सन्तुलन का रक्षण कैसे कर सकते हैं?
उत्तर -
पारिस्थितिक तन्त्र पर्यावरण, मानव, तकनीक एवं संगठन का परिणाम है जो विकास के साथ अनवरत चलती रहती है। विकास के क्रम में मनुष्य का प्रकृति के साथ समायोजन कम होता जा रहा है। औद्योगिक क्रान्ति, विज्ञान एवं तकनीकी विकास जनसंख्या वृद्धि एवं संसाधनों के शोषण की प्रवृत्ति ने आज विश्व को उस चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है जिसके चारों ओर पर्यावरण अवकर्षण का संकट में मंडरा रहा है। निरन्तर असन्तुलित होते पारिस्थितिक तन्त्र के सामने हम असहाय से प्रतीत हो रहे है, जबकि आवश्यकता है पर्यावरण संरक्षण की। इसके लिए विकास एवं पारिस्थितिकी तन्त्र में सामांजस्य एवं सन्तुलन स्थापित किया जाय।
पारिस्थितिकी सन्तुलन - विकास और पारिस्थितिकी एक-दूसरे के विरोधी नहीं है, बल्कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। विकास का अर्थ केवल प्राकृतिक संसाधनों का शोषण ही नहीं है अपितु पारिस्थितिकी तन्त्र को सन्तुलित रख कर प्रगति करना है। पर्यावरण सन्तुलन के लिए मुख्य तथ्य यह है कि जीवन धारण करने योग्य विकास होना चाहिए। इस प्रकार के विकास से पर्यावरण-हानि को रोका जा सकता है।
पारिस्थितिकी सन्तुलन की सुरक्षा हेतु लाभकारी योजना नीति विकास एक सतत् प्रक्रिया है जिसका पारिस्थितिक तन्त्र से अभिन्न सम्बन्ध है पारिस्थितिक असन्तुलन को जर्मनी के प्रसिद्ध जीव रसायन शास्त्री प्रो. फ्रैंड्रिक वेस्टर ने इस प्रकार से परिभाषित किया है। वेस्टर के अनुसार जनसंख्या द्वारा संसाधनों पर दबाव में 4 अरब प्राणियों ने अब तक 30 हजार पौधों की प्रजातियाँ और लगभग 200 पक्षी एवं जन्तुओं की प्रजातियों नष्ट कर दी हैं जनसंख्या वृद्धि से खाने-पीने की खपत 10 गुना अधिक हो गई है। पृथ्वी की उर्वरक परत गहन खेती के कारण पतली हो रही है, भूक्षरण एवं मरुस्थलों का विस्तार हो रहा है। इसके लिए हमें प्रकृति से बहुत कुछ सीखना होगा। इन सभी कारणों के पीछे दोष वर्तमान तकनीक का नहीं है अपितु उसके गलत उपयोग का है। आज आवश्यकता है ऐसी तकनीक की जिससे पारिस्थितिकी सन्तुलन बना रहे इसके लिए निम्न तथ्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है -
1. औद्योगिक विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता औद्योगिक विकास ने जहाँ अनेक सुविधायें दी है वहीं पारिस्थितिकी तन्त्र को झकझोर कर रखा दिया है इसके दुष्परिणाम ओजोन परत का नष्ट होना, कार्बन-डाईआक्साइड की मात्रा में वृद्धि नाइट्रोजन आक्साइड का निर्माण आदि के रूप में जीव जगत को प्रभावित कर रहे है। अतः औद्योगिक विकास के साथ-साथ पारिस्थितिकी तन्त्र की अनवरतता पर ध्यान देने की आवश्यकता है और सभी स्तरों पर (स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय) इसके संरक्षण के समुचित प्रयत्न होने चाहिए।
2. शहरीकरण का विकास संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 80% लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। विकसित देशों में शहरी आबादी 1920 में एक करोड़ थी, लेकिन वर्ष 2000 तक यह 20 गुना हो चुकी है। स्पष्ट है कि नगरीकरण से अनेक समस्याओं का जन्म हुआ है। इससे आवश्यकता है ऐसे उपाय ढूँढने की जिससे नगरीकरण के साथ-साथ पर्यावरण भी शुद्ध बना रहें और पारिस्थितिकी तन्त्र में अवरोध उपस्थित न हो इसके लिए, नगरों का नियोजित विकास, प्रदूषण परं नियन्त्रण, पार्कों का समुचित विकास, अनाधिकृत बस्तियों के विकास को रोकना आदि की समुचित व्यवस्था की आवश्यकता है।
3. ऊर्जा का पारिस्थितिकी तन्त्र पर प्रभाव विकास एवं प्रगति की अभिलाषा से ऊर्जा का आज अधिक से अधिक उपयोग हो रहा है वर्तमान समय में पर्यावरण संकट को ध्यान में रखकर गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा आदि का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। ये सभी ऊर्जा के प्रकृति द्वारा संचालित साधन है जो समाप्त नहीं होंगे, इनसे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है और पारिस्थितकी तन्त्र सुरक्षित रहता है।
4. तकनीकी विकास एवं पारिस्थितिकी वर्तमान युग 'तकनीकी युग है। तकनीकी विकास पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन प्रदूषित कर मानव जीवन के लिए घातक बनी हुई है। इसलिए तकनीकी प्रगति के साथ-साथ पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी पर भी ध्यान देना जरूरी है। "सर्वजन सुखाय सर्वजन हिताय " की अवधारणा अपनाकर ही तकनीकी विकास को नई दिशा देने की आवश्यकता है।
उपर्युक्त तथ्यों के अलावा कुछ निम्न तथ्यों पर भी ध्यान देना आवश्यक है -
1. पारिस्थितिक सन्तुलन की दिशा में अनुसन्धानों का अधिक विकास होना चाहिए।
2. शोर व भू-प्रदूषण तो मानव प्रयासों से नियन्त्रित किया जा सकता है।
3. पारिस्थितिक सन्तुलन में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसलिए वनों की कटाई पर रोक होनी चाहिए।
4. पर्यावरण प्रबन्धन की अधिकाधिक आवश्यकता है।
5. पर्यावरणीय शिक्षा द्वारा पारिस्थिति की सुधार किया जा सकता है।
6. पर्यावरण सम्बन्धी कानूनों का कठोरता से पालन होना चाहिए।
7. संसाधनों को नियोजित ढंग से उपयोग में लाना चाहिए।
8. कीटनाशक एवं उर्वरकों का प्रयोग सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए।
अतः उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर हम कह सकते है कि विकास को नई दिशा देकर प्राकृतिक पर्यावरण का उपयोग किया जा सकता है और पारिस्थितिकी के अनुरूप विकास करके पारिस्थितिक सन्तुलन बनाया जा सकता है। इसके लिए हमें तकनीकी अनुसंधान को नई दिशा देनी चाहिए।
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- प्रश्न- पर्यावरण के कौन-कौन से घटक हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण की परिभाषायें बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण के विषय क्षेत्र को बताइए तथा इसके सम्बंध में विभिन्न पहलुओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के मुख्य तत्व कौन-कौन से हैं? स्पष्टतया समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरण भूगोल के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के संघटकों को समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरण के जैविक तत्वों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी की मूलभूत संकल्पनाओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकीय असंतुलन के कारणों का परीक्षण कीजिए एवं उसे दूर करने के उपायों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक संतुलन की सुरक्षा हेतु कारगर योजना नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी क्या है?
- प्रश्न- पारिस्थितिकी की परिभाषायें बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी समस्याओं के कारकों को बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक सन्तुलन पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- जैविक संघटक के आधार पर पारिस्थितिकी का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में पारस्थितिकी विकास में भौगोलिक क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्वपारिस्थितिकी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- समुदाय पारिस्थितिक क्या है? इसके उपविभाग को समझाइए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक असन्तुलन एवं संरक्षण पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक अध्ययनों के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानव पारिस्थितिकी क्या है?
- प्रश्न- ग्रिफिथ टेलर का योगदान क्या है?
- प्रश्न- पारिस्थितिकी तंत्र की संकल्पना, अवयव एवं कार्यप्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- पारितंत्र की संकल्पना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र की विशेषताओं को बताइए।
- प्रश्न- निवास्य क्षेत्र के आधार पर पारिस्थितिक तंत्र का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तंत्र के संघटकों को बताइए।
- प्रश्न- मनुष्य पारिस्थितिक तंत्र में अस्थिरता उत्पन्न करता है।' व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिकीय दक्षता का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण कैसे निहित है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण के सन्दर्भ में पारम्परिक ज्ञान से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदा "भूकम्प" की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पारम्परिक ज्ञान क्या है एवं इसके प्रमुख लक्षण बताइए।
- प्रश्न- "प्रकृति को बचाएँ, प्राकृतिक जीवन शैली अपनाएँ।" इस वाक्य पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय पारम्परिक ज्ञान एवं पर्यावरण संरक्षण पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पारम्परिक ज्ञान को परिभाषित करते हुए उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- जैव-विविधता से आप क्या समझते हैं? पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता में इसके योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण हेतु भारत के राष्ट्रीय पार्कों तथा अभ्यारण्यों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पादप संरक्षण से आप क्या समझते हैं? विभिन्न संकटग्रस्त पादपों के संरक्षण के लिए किये गये विभिन्न उपायों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव-विविधता के विलोपन (ह्रास) के मुख्य कारण क्या हैं? उनका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैव विविधता के संरक्षण की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? पर्यावरण संतुलन में इसकी क्या भूमिका है?
- प्रश्न- जैव विविधता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता के विभिन्न स्तरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता में ह्रास के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण के उपाय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "वनोन्मूलन वातावरण का एक कारक है।' भारत के सन्दर्भ में इसकी विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतवर्ष में वातावरण का विनाश किन-किन क्षेत्रों में सर्वाधिक हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वन विनाश का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत में वनोन्मूलन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- वनों के महत्व को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय वन व्यवसाय की समस्यायें बताइए।
- प्रश्न- भारत में वन संरक्षण नीति क्या है?
- प्रश्न- वन संरक्षण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत में वन संरक्षण नीतियों को समझाइए।
- प्रश्न- वन संरक्षण क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- वनों के विकास के कारक बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण के सुधार में वनीकरण की भूमिका क्या है?
- प्रश्न- चिपको आन्दोलन को समझाइए।
- प्रश्न- वन विनाश की समस्या पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मिट्टी के कटाव के प्रमुख प्रकार बताइये, मिट्टी के कटाव के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए तथा इसके निस्तारण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मृदा अपरदन से उत्पन्न पर्यावरणीय समस्याएँ क्या हैं? मृदा अपरदन को रोकने के क्या उपाय हैं?
- प्रश्न- मृदा अपरदन से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- मृदा क्षय और मृदा अपरदन रोकने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मिट्टी अपरदन के कारण क्या हैं? बताइये।
- प्रश्न- मृदा अपरदन में मुख्य रूप से कौन प्रक्रियायें सम्मिलित होती हैं? बताइये।
- प्रश्न- मृदा की अपरदनशीलता से क्या तात्पर्य है? मिट्टियों की अपरदनशीलता किन कारकों पर आधारित होती हैं? बताइये।
- प्रश्न- FAO के अनुसार कौन से कारक मृदा अपरदन को प्रभावित करते हैं बताइये?
- प्रश्न- मृदा संरक्षण के संदर्भ में विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मिट्टी की थकावट क्या है?
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- मरुस्थलीय प्रक्रिया के प्रमुख रूपों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण नियंत्रण के उपायों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मरुस्थल कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- भारत के भेद में मरुस्थलीकरण के निरन्तर विस्तार को समझाइये |
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण भारत की मुख्य समस्या है। प्रदूषण समस्या की समीक्षा निम्नलिखित संदर्भ में कीजिए (i) वायु प्रदूषण (ii) जल प्रदूषण।
- प्रश्न- जल प्रदूषण की परिभाषा दीजिए। जल प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करते हुए नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के महत्व की विवेचना करते हुए जल संरक्षण एवं प्रबन्धन की प्रमुख विधियों का विवरण लिखिए।
- प्रश्न- प्रदूषण किसे कहते हैं? वायु प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट से क्या आशय है? ठोस अपशिष्ट के कारणों तथा प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण के सामान्य कारणों को बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण संतुलन से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषक क्या है? इनके प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण क्या है?
- प्रश्न- वायु प्रदूषण की परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- वायु प्रदूषकों के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में वायु प्रदूषण की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण का पर्यावरण में प्रभाव को बताइए, तथा विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वायु प्रदूषण रोकने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण की प्रकृति को बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- गंगा प्रदूषण पर निबंध लिखिए या गंगा प्रदूषण की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- किन प्रमुख स्रोतों से गंगा का जल प्रदूषित हो जाता है कारण बताइए।
- प्रश्न- गंगा जल प्रदूषण को रोकने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- जल प्रदूषण के प्रभावों को बताइए तथा इन कारकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ध्वनि प्रदूषण के कारण एवं नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मृदा प्रदूषण से आप क्या समझते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- मृदा की गुणवत्ता में हास या अवनयन किन-किन कारणों से होता है, बताइए?
- प्रश्न- मृदा प्रदूषण के कारकों को बताइए तथा मिट्टी प्रदूषकों के नाम बताइए।
- प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- मिट्टी प्रदूषण के कुप्रभाव बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्टों के घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट प्रदूषण की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के स्रोत बताइए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट के प्रकार बताइये तथा प्रत्येक की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्टों का प्रदूषण में क्या योगदान है विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट पदार्थों के निपटान के बारे में सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- ध्वनि प्रदूषक क्या हैं?
- प्रश्न- प्रदूषित पेयजल जनित रोग बताइए?
- प्रश्न- "पर्यावरण प्रदूषण एक अभिशाप है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जल संरक्षण की विधियों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- ठोस अपशिष्ट क्या है?
- प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान (GAP) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी उच्च बाँध परियोजना के क्या कारण थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- टाइगर प्रोजेक्ट के विशेष सन्दर्भ में वन्य जीवन परिसंरक्षण की सार्थकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत की बाघ परियोजना का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- नर्मदा घाटी परियोजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नर्मदा घाटी से सम्बन्धित पर्यावरणीय चिन्ताएँ क्या हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गंगा एक्शन प्लान की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टिहरी बाँध परियोजना के क्या उद्देश्य थे?
- प्रश्न- भारत में कितने टाइगर अभयारण्य हैं?
- प्रश्न- भारत में टाइगर प्रोजेक्ट योजना का निर्माण क्यों आवश्यक था?
- प्रश्न- गंगा कार्य योजना (गंगा एक्शन प्लान) के संस्थागत पहल के विषय में बताइए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन को समझना क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग क्या है? इसके मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक उष्णता से आप क्या समझते हैं? इसके कारण तथा प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हरित गैस के प्रमुख स्रोत बताइए।
- प्रश्न- हरित गृह द्वारा कौन-कौन सी समस्यायें उत्पन्न होती हैं? समझाइए।
- प्रश्न- हरित गृह प्रभाव की रोकथाम को बताइए।
- प्रश्न- ओजोन क्षरण से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ओजोन परत क्षरण के कारण लिखिए।
- प्रश्न- भूमण्डलीय ताप वृद्धि के प्रभाव क्या है?
- प्रश्न- प्रमुख भूमण्डलीय समस्याओं को बताइये।
- प्रश्न- भूमण्डलीय तापन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (रियो सम्मेलन) के प्रमुख मुद्दों को बताइए।
- प्रश्न- प्रथम पृथ्वी सम्मेलन के मुद्दों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक ताप वृद्धि के निवारक उपाय बताइए।
- प्रश्न- भारतीय पर्यावरण विधियों (अधिनियमों) की कमियाँ बताइये।
- प्रश्न- भारत पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक जलवायु आकलन आई.पी.सी.सी. पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आई.पी.सी.सी. की मूल्यांकन रिपोर्ट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की व्याख्या कीजिए एवं आई.पी.सी.सी. की आकलन रिपोर्ट बताइए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन क्या है एवं इसके कारकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन के संभावित वैश्विक प्रभाव को बताइए।
- प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का वर्णन एवं इसके मिशन को भी बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सौर मिशन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- सुस्थित निवास पर राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य बताइए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जल मिशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन का लक्ष्य क्या है .
- प्रश्न- सुस्थिर कृषि पर राष्ट्रीय मिशन की व्याख्या करें।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीति ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "जलवायु परिवर्तन एवं भारतीय स्थिति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में भारत और अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकार के प्रस्ताव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु हितैषी उपायों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर निगरानी रखने से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अनुसंधान क्षमता और संस्थागत आधारभूत संरचना का निर्माण जलवायु परिवर्तन के लिये क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर शैक्षिक ढाँचा क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप से क्या आशय है? प्राकृतिक एवं मानव जनित प्रकोपों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप तथा विनाश का अर्थ एवं परिभाषा को बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण प्रकोप के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मानव जनित प्रकोप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रकोप के प्रति सामाजिक प्रतिक्रिया की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रकोपों तथा आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए प्रबंधन के अन्तर्गत किन- किन पक्षों को सम्मिलित किया जाता है।
- प्रश्न- Idndr के तहत प्रकोप नयूनीकरण कार्यक्रम के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- सूखा प्रकोप से आप क्या समझते हैं? सूखा प्रकोप के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- सूखा नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- बाढ़ प्रकोप से आप क्या समझते हैं? बाढ़ के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाढ़ नियंत्रण के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भूकम्प प्रकोप का सामान्य परिचय देते हुए उनके प्रभावों को बताइए।
- प्रश्न- भारत के जोखिमकारी अवशिष्टों का प्रबन्धन क्यों आवश्यक है एवं देश में जोखिमकारी अवशिष्टों को पर्यावरणीय अनुकूलन की दृष्टि से प्रबन्धित करने हेतु विभिन्न हस्तक्षेपों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से जैव विविधता के सामने प्रस्तुत खतरे और समाधान को बताइए।
- प्रश्न- "आक्रामक विजातिय प्रजातियों से नियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। कथन की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जोखिमकारी अवशिष्टों के उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- अवशिष्टों की उत्पत्ति पर कैसे नियंत्रण किया जा सकता है?
- प्रश्न- "पुनर्उपयोग, पुनः प्राप्त करना पुनर्चक्रणीय जोखिमकारी अवशिष्ट" की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जोखिमकारी नियामक ढाँचे से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- 'अधिवास के नुकसान से दबाव, अवमूल्यन में कमी से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय वानिकी और पारिस्थितिकीय विकास बोर्ड के कार्य बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार एवं आपदा प्रबन्धन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृषि व सिंचाई की दृष्टि से जल की उपलब्धता व सूखे का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सूखा-प्रणत क्षेत्र कार्यक्रम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपदा के समय क्या करना एवं क्या न करना चाहिए?
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबन्धन के विषय में बताइए।
- प्रश्न- प्राकृतिक आपदाओं से अत्यधिक प्रभावित राज्य कौन से हैं?
- प्रश्न- सूखा अथवा अनावृष्टि को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- जल की उपलब्धता पर सूखे के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुनामी आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय तटों पर सुनामी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 26 दिसम्बर 2004 का सुनामी आपदा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुनामी द्वारा लाये गये परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 2013 की अनावृष्टि (सूखा) का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- परमाणु आपदा का विवरण दीजिए। इससे होने वाले विनाशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक आपदा क्या है? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- किसी आपात या रासायनिक आपात स्थिति के दौरान क्या करना चाहिए?
- प्रश्न- नाभिकीय / रेडियोधर्मी प्रदूषण को रोकने के उपाय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भू-स्खलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।